रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बूंदी में सफारी हेतु रूट निर्धारित तलवास में भी रूट बनाने की मांग

तलवास(मूलचंद शर्मा)। पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान का चोथा टाइगर रिजर्व क्षेत्र रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षैत्र विकास की तरफ अग्रसर हो रहा है। पर्यटन विभाग ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में सफारी हेतु फिलहाल तीन रूट तय किए हैं।

रूट नंबर -एक

शिकार बुर्ज- शिकार बुर्ज प्रवेश बिंदु दूरदर्शन रोड से डोबरा महादेव की पहाड़ी से चामुंडा माताजी से शिकार होदी तक सूरज छतरी व्यू प्वाइंट से दूरदर्शन रोड तक। दूरी 12 किलोमीटर

रूट नंबर- दो

टाइगर हिल्स- टाइगर हिल्स एंट्री पॉइंट दलेलपुरा से चौथ माता की पहाड़ी से टाइगर हिल  जैतसागर व्यू प्वाइंट, मीरा जी की पहाड़ी से मीराजी गार्डन तक। दूरी 13.50 किलोमीटर

रूट नंबर - तीन

भीमलत- भीमलत तिराहा प्रवेश बिंदु से झरने तक भीमलत गेस्ट हाउस आधारशिला लव कुश वाटिका अभय पुरा बांध जल टावर (पक्षी देखने का दृश्य बिंदु) से मेघा रावत की झोपड़ियां गांव तक।  दूरी 20 किलोमीटर

सफारी मार्गों और जैतसागर बोटिंग की ऑनलाइन बुकिंग शुरू कर दी गई है। पर्यटक वन विभाग की वेबसाइट के माध्यम से अपनी सफारी बुक करवा सकते हैं। बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के विकसित होने से बूंदी जिले के समस्त पर्यटन स्थलों का भी अब विकास संभव होगा। देसी विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती आ रही है। पर्यटकों के आगमन से बूंदी जिले का आर्थिक एवं रोजगार क्षेत्र भी विकसित हो सकेगा।             

 

      बूंदी में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु बूंदी महोत्सव का इस वर्ष भी आयोजन किया जा रहा है। दिनांक 18.11.24 से 20.11.24 तक बूंदी जिले में यह महोत्सव मनाया जा रहा है। बूंदी जिले में पर्यटकों के लिए सभी प्रकार के स्थलों की कोई कमी नहीं है। बूंदी महोत्सव के दौरान तलवास की रतन सागर झील पर भी दिनांक 19.11.24 को सायं दीपदान का आयोजन किया जावेगा।

मूलचंद शर्मा, तलवास ने बताया कि समस्त ग्रामीणों की वन विभाग से मांग है कि सफारी रूट में एक स्थल तलवास का भी चयन किया जाए। पर्यटकों के लिए तलवास के आसपास काफी पहाड़ एवं दर्शनीय स्थल है। इस क्षेत्र में सफारी का रूट होने से इस क्षेत्र का विशेष विकास संभव होगा। यह स्थल बूंदी जिले में पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल है। वन विभाग द्वारा इस क्षेत्र को विकसित करवाने के लिए रूट तैयार करवा रखे हैं। वन विभाग द्वारा आगामी समय में अजीतगढ़ किले के रास्ते सहित टांके, मन्दिर, दरवाजे, सनसेट प्वाइंट, धुंलेश्वर महादेव स्थल के विकास की कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। बहुत शीघ्र ही कार्य प्रगति पर नजर आने लगेगा। टाइगर के लिए तलवास का जंगल बहुत ही मुफित है। यहां पर टाइगर का आना जाना बना रहता है। तलवास में जल जंगल का संगम है।