न्यायालय के आदेश के 45 दिन बाद आखिर हुआ हत्या का मुकदमा दर्ज

देई(हनुमान शर्मा)। तलवास ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अवैध रूप से संचालित गुरुकुल में 2 अक्टूबर 2024 की रात को हुए हादसे तीन बालक जुलूस गए थे जिसमें दो कि उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी। बांरा निवासी मनोज शर्मा के पुत्र की जयपुर एसएमएस अस्पताल में मृत्यु हुई थी जहां पुलिस ने मृतक के पिता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। वही रितेश शर्मा की मृत्यु कोटा के निजी अस्पताल में होने व उसका पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण पुलिस ने उसके पिता द्वारा की गई शिकायत पर किसी भी प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं किया था। रितेश शर्मा के पिता ने देई थाने में भी शिकायत दी। वहीं जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र देकर अपने बेटे की मौत पर गुरुकुल के संचालक व संचालन कर्ता के विरुद्ध हत्याओं का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। पुलिस द्वारा पुत्र की हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं करने पर रितेश के पिता लोकेश शर्मा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

 मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनवा के यहां परिवार प्रस्तुत करने पर देई थाना अधिकारी द्वारा न्यायालय में उपलब्ध करवाई गई तथ्यात्मक रिपोर्ट वह परिवादी के दस्तावेजों को आधार मानते हुए न्यायालय ने 17 अप्रैल 2025 को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।

 न्यायालय के आदेश के बाद भी देई थाना अधिकारी द्वारा एक माह तक मुकदमा दर्ज नहीं करने पर लोकेश शर्मा ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय के आदेश पर पुलिस की प्रोग्रेस रिपोर्ट मंगवाने का आग्रह किया। न्यायालय द्वारा अर्जी स्वीकार कर 17 अप्रैल को दिए गए आदेश की प्रोग्रेस न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिए जिसकी आगामी तारीख 3 जून थी। 3 जून को न्यायालय में प्रोग्रेस प्रस्तुत करने से पूर्व आज 2 जून को देई थाना अधिकारी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर मुकदमा संख्या 114/2025 दर्ज कर परिवादी को सूचित किया। वहीं 3 जून को न्यायालय में भी रिपोर्ट थाना अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की जाएगी।

 विदित रहेगी तलवार गुरुकुल में हुए हादसे में दो बच्चों की मौत के बाद भी पुलिस ने उसने उसे सामान्य घटना मानते हुए मामले को आया गया कर दिया था। बांरा निवासी मनोज शर्मा की शिकायत पर देई थाने में दर्ज मुकदमे में एफ आर लगाने के आदेश भी हो गए थे। संगीन मामला होते हुए भी उसमें हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। दोषियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की पुलिस व प्रशासनिक कार्यवाही नहीं होने से पीड़ित लोकेश शर्मा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय में देई थानाधिकारी द्वारा जो तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की गई उसमें दोषी मानते हुए थानाधिकारी ने न्यायालय को अवगत कराया था कि गुरुकुल अवैध रूप से संचालित था। वह गुरुकुल संचालक की कुछ अकर्मण्यताओं की वजह से ऐसा हादसा हुआ है।

 मुख्य रूप से थाना अधिकारी ने न्यायालय को अवगत कराया कि इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद गुरुकुल संचालक द्वारा पुलिस व प्रशासन को समय पर सूचना नहीं दी गई जो अपने आप में एक बहुत बड़ा गुनाह है। ऐसी घटनाएं होने पर पुलिस प्रशासन को तुरंत सूचना दी जाती है। वहीं हादसा रात 12:16 से पूर्व होने पर भी तलवास से नैनवा हॉस्पिटल लेकर जाने में 3 घंटे कैसे लगे। यह भी जांच का अलग विषय है।

 थानाधिकारी की तथ्यात्मक रिपोर्ट को स्वीकारते हुए न्यायालय ने परिवादी के परिवाद पर संचालक सीताराम व संचालन कर्ता सुरेश शर्मा के विरुद्ध हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेश के 45 दिन बाद देई थाना अधिकारी द्वारा दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

 पीड़ित पिता लोकेश शर्मा ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के आदेश से उम्मीद हो गई थी कि मेरा पुत्र कैसे मारा इसका संपूर्ण विवरण पुलिस न्यायालय में प्रस्तुत करेगी परंतु 45 दिन तक मुकदमा दर्ज नहीं करने से आहत था। आज थाना अधिकारी द्वारा मुकदमा दर्ज कर जानकारी देने पर खुशी हुई कि 2 अक्टूबर की रात जो घटना गुरुकुल में हुई उसकी संपूर्ण जानकारी न्यायालय में पुलिस प्रस्तुत कर मृत आत्माओं को शांति दिलाएगा वह दूध का दूध पानी का पानी कर देगी।